?? बजट ??
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*** बजट ***
लोक लुभावने वादे जैसा बजट
खोखले वादे कर खा गया गजट
अन्नदाता मेहनत पर पानी फेरना
कज॔ बोझ दबाकर पानी में डुबोना
मध्यम वर्ग दुर्दशा, कर में ना छुट
बढ़ाकर सर्विस कर , हो गयी लुट
धनवान धन-संपदा कर हटाया
गरीबों को थोड़ी राहत दिलाया
हर चीज महंगी, पेट्रोल,डीजल महंगा
ना होती बचत , कैसे परिवार चलाना
जो सपने देखे, तुट गये, अच्छे दिन कहां खो गये
हम संजोगने जुट गये, अच्छा बजट करते रह गये
@ कापीराइट
राजू गजभिये