?? विश्व पर्यावरण दिवस ??
?पर्यावरण ?
व्यथित हुआ पर्यावरण, देख मनुज की चाल।
जितने किये उपाय हैं, उतने बढ़े सवाल।।
मनुज न हो जब तक यहाँ, जीव-जगत का मीत।
तब तक तरसें तरुण तरु, रहे अधूरा गीत।।
करना होगा सभी को, मिल-जुल सफल प्रयास।
तभी बचेगी धरा पर, जन-जीवन की आस।।
पेड़ों का रोपड़ करो, रक्षण करो सम्भाल।
यही धरा के पूत हैं , जो टालेंगे काल।।
तेज प्रदूषण रोककर, करो धरा का हेतु।
प्राणवायु तब ही मिले, तरु हैं जीवन-सेतु।
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? तेज✏मथुरा