<** जान-ऐ- अदा️ **®**
ऐ ज़िन्दगी थोड़ा तो ठहर, कुछ बातें अभी होने को है…
कुछ अश्क़े बयां, कुछ नज़रे हयां…..
कुछ दिलकश नशा होने को है….. !!
हाय…..!!
उसके.. मन के उजालों से निकली दुआ,
प्यार की अदा से, उसने किया जो बयां !!
क्या करुँ मैं… खुद को कैसे रोकू बता,
मेरी नज़रों ने की है… जो भी खता !!
क्यूँ मै उसके नशे में चूर हो रहा,
याद आये उसी कि मुझको शाम-ओ -सुबहा !!
उस नूर-ऐ-मोहब्बत की बचकानीयॉ,
सांसों में समायी है, उसकी मस्तानीया !
उसके तसव्वुर का आलम.. जब -ज़ब मिला,
भूल गए हम सारी बेईमानीया…!!
अब तो ये हाल है, बस सवालात है,
मुलाक़ात के बस ! ख़यालात है…!!
गुल -ऐ -खुश्बू , वफ़ा की महकती रही,
दास्तां -ऐ -अदा भी बदलती रही…. !!
अब उसी के नाम मेरे दोनों जहां,
उसकी यादों से हो जाये, दिल मेरा जवा !!
जब वो गलियों से गुजरे है, मेरी शम्मा….
दिल से… सलामती की निकले, सौ -सौ दुआ !!
वो मेरी ही रहे.. मैं हूँ उसका सदा,
हाँ…. वही मेरे दिल की है… जान -ऐ -अदा !!
?Love Ravi❤