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Arise DGRJ (Khaimsingh Saini)
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22 Feb 2019 · 1 min read
【13】 बचपन
बचपन धूल भरा था सबका, धूल के हीरे कहलाये
लोट – लोट कर खेले मरु, मात – पिता को हम भाये
Language:
Hindi
Tag:
दोहा
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