【1】 ] संगठन में ही शक्ति है
एक जंगल में बहुत सारे जानवर रहते थे। सारे जानवर जंगल में निर्भीक होकर विचरण करते और खुशी-खुशी रहते। किसी भी जानवर को जंगल में कोई खतरा नहीं था। लेकिन कुछ समय बाद जंगल के पास शिकारियों का एक समूह छावनी बनाकर रहने लगा। दूसरे दिन सुबह शिकारी जंगल में बंदूक, तलवार और भाले जैसे हथियारों के साथ शिकार करने के लिए गए। शिकारियों को देखकर जंगल में खलबली मच गई। लगभग सारे जानवर भागकर कहीं ना कहीं छुप गए। लेकिन एक हिरण का बच्चा कुछ समझ नहीं पाया और वह शिकारियों के बिछाए जाल में फंसकर मारा गया। जब हिरण के मरे बच्चे को लेकर शिकारी चले गए। तब हिरण के बच्चे की मां चीखती चिल्लाती हुई आई। और जोर जोर से रोते हुए भगवान का नाम ले लेकर अपने आप को कोस रही थी। साथ ही कह रही थी कि हे भगवान इस जंगल को किसकी नजर लग गई। जो ये शिकारियों की छावली, इस जंगल के पास आकर रहने लगी। आने वाला भविष्य तय था, कि रोजाना एक न एक जंगल के जीव का शिकार होना तय था। और यह सत्य भविष्यवाणी थी, कि आने वाले समय में शिकारी जंगल के सभी जानवरों को खत्म कर देंगे। जंगल का राजा जो कि शेर था। उसके पास सारे जानवर मिलकर गए और सभी ने निवेदन किया महाराज आपके होते हुये हमें शिकारी तंग कर रहे हैं। और तो और हमारे एक हिरण के बच्चे को भी मार कर ले गए। शेर को शिकारियों की ताकत का पता था। इसलिए शेर ने कहा कि मैं अकेला कुछ नहीं कर सकता। यदि हम सब मिल जायें तो शिकारियों का सामना कर सकते हैं। बस फिर क्या था जंगल के सभी जानवर संगठित हो गए और शिकारियों के लिए कुछ शब्द बोलने लगे। वे शब्द थे। तुम्हारी बंदूक – तलवारों से हम नहीं डरने वाले हैं। हम सब मिलकर एक हो गए। शिकारियों तुमको बरछी – भाले हैं। जोर जोर से जंगल में नारे गूंजने लगे। शिकारियों को भी संगठित जंगल के जानवरों के लगाए जाने वाले नारों की भनक सुनाई पड़ी। शिकारी सोच रहे थे, कि जंगल के जानवर छुपने की जगह ढूंढ रहे हैं। अगले ही दिन शिकारी फिर से हथियारों के साथ जंगल में दाखिल हुए। शिकारी सोच रहे थे, कि हम जंगल के जानवरों पर हमला करेंगे। जबकि जंगल के सभी जानवर शिकारियों पर हमला करने का ध्येय बना चुके । बस फिर क्या था शिकारी जंगल में दाखिल होकर इधर – उधर हथियारों के साथ घूमने लगे। जंगल के सभी जानवर इसी ताक में बैठे थे, कि कब शिकारी आयें। मौका मिलते ही जंगल के सभी जानवरों ने शिकारियों के ऊपर भयंकर हमला कर दिया। जैसे – तैसे शिकारी जान बचाकर भागे लेकिन उनके 1 – 2 साथी जंगल में ही जानवरों के प्रहारों से मारे गए। अगले ही दिन शिकारियों ने जंगल के जानवरों के डर से अपनी छावनी को उठाया और वहाँ से चला चले गए। शिकारी बातचीत कर रहे थे, कि पहला दिन अच्छा था। दूसरे दिन ही हमारे दो साथी मारे गए। पर जंगल के सभी जानवर इतने खूंखार कैसे हो गए ? यदि हम यहाँ पर और कुछ दिन रुकते तो हम सभी शिकारियों को जंगल के जानवर मार डालते। इस तरह से जंगल के सभी जानवरों ने एक साथ मिलकर के संगठन बनाया। और उस संगठन बनाने के कारण ही शिकारियों द्वारा फैलाए जाने वाले आतंक और मौत के मंजर से जानवरों ने अपने आप को बचा लिया। यदि हम संगठन के तथ्य पर विचार करें, तो यही सामने आता है, कि वे तो जानवर थे। हम तो इंसान हैं। जब जानवर मिलजुल कर के हर समस्या का समाधान कर सकते हैं। तो हम क्यों नहीं। हम सभी इंसानों को भी मिल जुल कर रहना चाहिए। हम चाहे हिंदू हों, मुस्लिम होंं, सिख हो या फिर ईसाई हों। हम सब मिलजुल कर रहें, तभी एक अच्छी समाज की कल्पना की जा सकती है।
Arise DGRJ { Khaimsingh Saini }
M.A, B.Ed from University of Rajasthan
Mob. 9266034599