【1】*!* भेद न कर बेटा – बेटी मैं *!*
भेद ना कर बेटा – बेटी में, ये भारत की शान हैं
एक नहीं गरिमा भारत की, दोनों ही पहचान हैं
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पता नहीं कल इन दोनों में, कौन बने गौरव हकदार
अभी से बता नहीं सकते हम, किसे मिलेगा जीभर प्यार
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कल्पना, सुनीता बनकर बेटी, देश को रोशन कर सकती है
सीमा पर पा वीरगति को, गगन सितारा बन सकती है
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बेटी जग आलोकित करती, बेटी दुनियाँँ का आधार
बेटी से तर गए जगत में, कितने ही दुखिया परिवार
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** खैमसिहं सैनी 【 राजस्थान 】**