~~【【◆ललकार◆】】~~
टूट गयी मोहब्बत ख्वाब देकर,रो रही वो गुलाब लेकर.अंजाम है ये बेपर्दा अरमानों का,रह गयी अकेली तक़दीर से जवाब लेकर।
मुश्किल है अब जिंदगी तूफान में नाव लेकर,डूब जानी खुशियां सारी आँखों में सैलाब लेकर।
ये रंग बड़े गहरे हैं जुदाई के,चीरती रहेगी तन्हाई यादों की तलवार लेकर.एक दिल के हज़ार टुकड़े होंगे,जब दर्द आएगा सीने पे यलगार लेकर।
मासूम की मासूमियत धरि रह जानी,जमाना उठाएगा उंगली लाख सवाल लेकर.ये जिंदगी मौत से है बदत्तर,ज़ख़्मी दिल तड़पेगा रहम की पुकार लेकर।
आँखों का समंदर उफान पर होगा,बहेंगी आँखे जब दिन रात लेकर.तहस नहस होगा खुद की खुशियों का वजूद अमन,बेवफाई चिल्लायेगी जब दुखती ललकार लेकर।