Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 May 2020 · 1 min read

【[{{◆●●●●अनजान सी कलम●●●●◆}}]】

खाक से उठे थे कुछ लफ्ज़,आज
आसमान बन गए.

एक अनजान सी कलम के खत,आज
पहचान बन गए।

इतरा रहे थे जो अपनी झूठी शान पर,उन
परिंदों के पर आज श्मशान बन गए.

जता रहे थे हम पर जो हक़ मालिक बन अपने
महल में,आज उसी महल में वो हमारे मेहमान
बन गए।

Language: Hindi
7 Likes · 10 Comments · 602 Views

You may also like these posts

Thoughts are not
Thoughts are not
DrLakshman Jha Parimal
"लोग करते वही हैं"
Ajit Kumar "Karn"
युग अन्त
युग अन्त
Ravi Shukla
स्थापित भय अभिशाप
स्थापित भय अभिशाप
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
World tobacco prohibition day
World tobacco prohibition day
Tushar Jagawat
संवेदनाएँ
संवेदनाएँ
Meera Thakur
#ਮੁਸਕਾਨ ਚਿਰਾਂ ਤੋਂ
#ਮੁਸਕਾਨ ਚਿਰਾਂ ਤੋਂ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
ऐ!दर्द
ऐ!दर्द
Satish Srijan
*पुरानी पेंशन हक है मेरा(गीत)*
*पुरानी पेंशन हक है मेरा(गीत)*
Dushyant Kumar
फर्ज मां -बाप के याद रखना सदा।
फर्ज मां -बाप के याद रखना सदा।
Namita Gupta
देखना मत राह मेरी
देखना मत राह मेरी
अमित कुमार
स्वास्थ्य विषयक कुंडलियाँ
स्वास्थ्य विषयक कुंडलियाँ
Ravi Prakash
स्वयं के परिचय की कुछ पंक्तियां
स्वयं के परिचय की कुछ पंक्तियां
Abhishek Soni
कल जब होंगे दूर होकर विदा
कल जब होंगे दूर होकर विदा
gurudeenverma198
"ये आईना"
Dr. Kishan tandon kranti
रिश्ता रहा असत्य से
रिश्ता रहा असत्य से
RAMESH SHARMA
3198.*पूर्णिका*
3198.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आदमी
आदमी
शशि कांत श्रीवास्तव
शब्द भावों को सहेजें शारदे माँ ज्ञान दो।
शब्द भावों को सहेजें शारदे माँ ज्ञान दो।
Neelam Sharma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
सत्याधार का अवसान
सत्याधार का अवसान
Shyam Sundar Subramanian
नारी
नारी
sheema anmol
*** मुफ़लिसी ***
*** मुफ़लिसी ***
Chunnu Lal Gupta
एक मजदूर ने सिखाया
एक मजदूर ने सिखाया
Krishna Manshi
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
* सुखम् दुखम *
* सुखम् दुखम *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*कागज पर जिंदगी*
*कागज पर जिंदगी*
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जल संरक्षण बहुमूल्य
जल संरक्षण बहुमूल्य
Buddha Prakash
यादों की जीवंत यात्रा
यादों की जीवंत यात्रा
Minal Aggarwal
✍️ दोहा ✍️
✍️ दोहा ✍️
राधेश्याम "रागी"
Loading...