【■ हालात ज़िन्दगी के ■】
——————————————
हालात इस क़दर बिगड़े हैं ज़िंदगी के
पत्थर से ज्यादा टुकड़े है ज़िन्दगी के।
सँभालना चाहा जिन्हें हर हाल में भी,
ख़ुशी केवही पल बिछड़े हैंज़िन्दगी के।
——————————————
By V.k.Viraz
:::::::::::::::::::
——————————————
हालात इस क़दर बिगड़े हैं ज़िंदगी के
पत्थर से ज्यादा टुकड़े है ज़िन्दगी के।
सँभालना चाहा जिन्हें हर हाल में भी,
ख़ुशी केवही पल बिछड़े हैंज़िन्दगी के।
——————————————
By V.k.Viraz
:::::::::::::::::::