【■【जा फँसोगे】■】
कहाँ -कहाँ और किस-किस से बचोगे।
तूफान से बचे तो बवंडर मे जा फँसोगे।
रास्ता नही कोई बच निकलने का इनसे,
नफ़रत से बचे तो मोहोब्बत मे जा फँसोगे।
हयात-ऐ-सफ़र मे राहें नही सीधी,जो इस
मोड़ से बचे तो उस मोड़ में जा फँसोगे।
गरीबी,दर्द,और बुरे हालात ऐ ज़िन्दगी है,
आज यहाँ से बचे तो कल वहाँ जा फँसोगे।
हर तरह से डूबोगे इश्क़ में तुम,वासना-ऐ
इश्क़ से बचे तो झूठी रूह में जा फँसोगे।
वि के विराज़