【तू सर्वदा, सत्य के साथ, मुक्त है】
मरा हुआ हूँ मैं
जन्म लेते ही,
मर चुका हूँ मैं,
जीवन ढूँढ रहा हूँ,
जो मुझे,
जिलाए हुए हैं,
वही तो सत्य है,
जो जीवन है,
शोध ही लूँगा,
उसका प्रभाव,
उसकी आशा,
उसके कर्म,
जो उसने,
मुझे असीम,
अनुकम्पा से,
समर्पित किए,
तो मैं तो,
मरा हुआ जीवित हूँ,
मुक्त हूँ,
हाँ, मैं मुक्त हूँ,
मैं मर चुका हूँ,
एक लम्बी अवधि पहले,
जीवित हूँ इसी,
आशा से,
कि वह मुझे चाहता है,
बताना कि,
मैं हूँ वह,
जीवन जो,
तुझे दिया,
तेरे आदर्श,
को देखकर,
कुछ गलत न करना,
मेरी आशायें,
न तोड़ना जो,
जो तुझसे हैं बहुत
कर्मयज्ञ करना,
ज्ञानयज्ञ स्वतः,
प्रकट होगा,
स्थितियाँ बनाना,
मुझे स्मरण कर,
अबलम्बन करना,
उस प्रमाण का जो,
कृपा रूप में हूँ तेरे पास,
पता है क्यों,
तुझे मृत्यु देकर,
जीवन दिया है,
ज्ञात है तुझे,
तू सर्वदा,
सत्य के साथ,
मुक्त है।
©अभिषेक पाराशर