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21 Apr 2024 · 1 min read

❤️ मिलेंगे फिर किसी रोज सुबह-ए-गांव की गलियो में

❤️ मिलेंगे फिर किसी रोज सुबह-ए-गांव की गलियो में
किसी पेड़ नीचे चाय का प्याला लिए उन्ही सर्दियो में ❤️
❤️ गुफ्तगू इक बार फिर करेंगे हमारे इश्क के फसानों की
और मिल कर गले फिर जुदा हो जाएंगें कहानियों में ❤️
शिव प्रताप लोधी

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