*जीवनसाथी*
तुम जो मिले जिंदगी मिल गई !
जीने की हमको वजह मिल गई !!
तेरा प्यार हमको जब से मिला ,
जीवन हमारा बाग सा खिला ।
मचलने लगे ऐसे दिलके अरमाँ ,
बुझते दिए में जैसे लौ जल गई ।।
तुम जो मिले जिंदगी मिल गई !
जीने की हमको वजह मिल गई !!
बीते जीवन तुम संग सारा ,
सातों जन्म रहे साथ हमारा ।
इससे ज्यादा क्या मैं बोलूँ ,
तुमसे बढ़कर कोई नहीं प्यारा ।।
तुम जो मिले जिंदगी मिल गई !
जीने की हमको वजह मिल गई !!
जीवन रूपी पुष्प ये खिल गया ,
तुम-सा प्यारा साथी जो मिल गया ।
बहती रहे तेरे प्यार की गंगा ,
तेरे रूप में रब हमें मिल गया ।।
तुम जो मिले जिंदगी मिल गई !
जीने की हमको वजह मिल गई !!