✍️जरूरी है✍️
चलोगी रास्तों पर तो मंज़िल मिलेगी ही,
गर गिर गई तो क्या हुआ गिरना भी जरूरी है,
कोई तोड़ेगा तुम्हें तभी फिर जुड़ने की हिम्मत आयेगी,
गर टूट गई तो क्या हुआ टूटना भी जरूरी है,
जब बिखरेंगे अरमान तुम्हारे तभी उन्हें समेट पाओगी,
गर बिखर गई तो क्या हुआ बिखरना भी जरूरी है,
हार जीत तो लगी रहती है जिंदगी में,
गर हार गई तो क्या हुआ हारना भी जरूरी है,
इतना कुछ झेल कर कमजोर नहीं पड़ना,
बिखर चुकी हो कई बार अब निखरना भी जरूरी है।
✍️वैष्णवी गुप्ता
कौशांबी