✍️13/07 (तेरा साथ)✍️
✍️13/07 (तेरा साथ)✍️
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तेरा साथ रह गया बाकी
सिर्फ दर्द रह गया बाकी
ये शज़र के पत्ते मुर्झा गये
पेड़ोमें जर्द रह गया बाकी
कच्ची राह वो कतरा गये
उनका ख़ुर्द रह गया बाकी
बारिश का कहर थम गया
मौसम में सर्द रह गया बाकी
अब थक कर रुक गये सारे
रास्ता हमदर्द रह गया बाकी
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✍️”अशांत”शेखर✍️
13/07/2022