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8 Dec 2022 · 1 min read

✍️🦋सादगी तो ठीक है फिर उलझन क्यों है🦋✍️

##मणिकर्णिका##
##बौनी पाण्डेय जी सन्तुष्ट नहीं कर पा रहें हैं, कै##
##कोटेक महिन्द्रा के मैसेज अभी भी भेज री बौनी##
##पतिव्रत धर्म का पालन कर##

सादगी तो ठीक है फिर उलझन क्यों है,
सादगी तो ठीक है फिर उलझन क्यों है,
ये रोज़ के किस्से हैं तेरे मन के,
वो ईमान कहाँ खोजूँ, जो था तेरा बन के,
हवा जो बह रही है ठण्डी ठण्डी,
अब तो जीना होगा संभल संभल के,
तेरी हर बात में,बचपन क्यों है?
सादगी तो ठीक है फिर उलझन क्यों है।।1।।
मेरे टूटने की बात पर वो मुस्कुराए,
मेरे कहने पर भी,मेरे दिल में न आए,
शुक्रिया रह गया है,कहने को अब,
तूने जो आईने हैं सिफ़त के दिखाए,
मेरी हर बात गीत है, तुम्हें अनबन क्यों है
सादगी तो ठीक है फिर उलझन क्यों है।।2।।
कोई कैसे समझायेगा किस्मत पर,
हमने वादे कहाँ कब किए थे, किसी पर्वत पर,
इश्क़ के किनारे पर खड़ा हूँ सुनो,
गिराकर अब तू अपनी हसरत पूरी कर,
जब सर-ए-आम किया, बीच में चिलमन क्यों है,
सादगी तो ठीक है फिर उलझन क्यों है।।3।।
कोई नफ़ा की बात नहीं थी,
तो नुकसान भी नहीं था,
वो कहते रहे कई बार हमसे,
तुम पर एतबार नहीं था, नहीं था, नहीं था,
सूखा है चारों ओर,यह शबनम क्यों है,
सादगी तो ठीक है फिर उलझन क्यों है।।4।।

सिफ़त=विशेषता चिलमन=पर्दा एतबार=ट्रस्ट

©®अभिषेक: पाराशर:

Language: Hindi
Tag: गीत
165 Views
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