✍️हौंसला जवाँ उठा है✍️
✍️हौंसला जवाँ उठा है✍️
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दिल में मेरे इरादों का
एक सैलाब उठा है…
तप्ती लावा का
जलजला उठा है।
बोल देता लफ्ज़ो
से कुछ बज़्म में तेरे…
जबाँ पे मेरे आग
का गोला उठा है।
जल के राख हो
जाता वो काफ़िर…
अंदर जलते
कोयलों का धुँवा उठा है।
अभी तो चले है हम
काफ़िलों के साथ…
जमी हुई बारूद का
हौंसला जवाँ उठा है।
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✍️”अशांत”शेखर✍️
03/07/2022