✍️हम सब है भाई भाई✍️
✍️हम सब है भाई भाई✍️
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जरासी क्या पि ली थी
उसकी जुबाँ लड़खड़ाई
चार किताबे पढ़कर था
हमें रातभर अंग्रेजी पढ़ाई
अपनी बोली छोड़ के
फिरंगी बातों में की लड़ाई
हमने दो पेग ओर चढ़ाये
फिर उसकी रूह थरथराई
हमने भी चार बारिशों में
ज्यादा की उम्र है भीगाई
हमें भी बख्शा है लफ्जोसे
थोड़ी तो जिंदगी है कमाई..
क्या रखा है इन बेतुकी
बातों में,किसकी है भलाई
हम तो सच्चे वतनपरस्त है
यहाँ हम सब है भाई भाई
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✍️”अशांत”शेखर✍️
27/06/2022