✍️सूरज से रोशन है जहाँ
दिन की रोशनी में चाँद की हैसियत ही क्या ?
अँधेरे में तो सूरज के ही उजालो पे वो इतराता है
हम हर खूबसूरत मुखड़े को यूँही चाँद कहते है
एक आफ़ताब जलता है तब कही वो निखरता है
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©✍️’अशांत’ शेखर
01/10/2022