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17 Oct 2022 · 1 min read

✍️संस्कृती के कठोर रक्षाकवच…

अनित्य सनातनी
अज्ञान के स्याह
अंधेरो में ज्ञान की
रोशनी यूँही झाँकती नहीं

हटवादी अविवेकी
अंधकार के तमस में
परिवर्तनशील सोच की
इक लौ कभी जलती नहीं

क्यूँ की संस्कृती के
कठोर रक्षाकवच बंधे है
धारणाओं की
असीम दृढ़ स्मृतियों से…
……………………………………………………//
©✍️’अशांत’ शेखर
17/10/2022

4 Likes · 8 Comments · 355 Views

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