✍️पाँव बढाकर चलना✍️
✍️पाँव बढाकर चलना✍️
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अब धीरे धीरे वक़्त ढलते जायेगा
तुम थोड़ी सी उम्र बचाकर रखना
उम्र के साथ यादें धुंधलाते जायेगी
तुम थोड़े तज़ुर्बे संभालकर रखना
अब आँखों में नींद डूबते जायेगी
तुम अधूरे ख़्वाब बिछाकर रखना
गर आँखरी सांस में खुशियां छलके
तुम गम के दामन में सजाकर रखना
ये कदम डगमगा रहे अंतिम सफर पे..
तुम मंझिल तक पाँव बढाकर चलना
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©✍️”अशांत”शेखर✍️
28/07/2022