✍️ना तू..! ना मैं…!✍️
✍️ना तू..! ना मैं…!✍️
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यदि एक दफ़ा दश्त
में शोला भड़क गया
तो खेत खलियाँ
में भी धुँवा उठेगा,
खेत खलियाँ की आँच
गाँव तक पहुंचेगी,
गाँव की लपटे शहर
को आगोश में ले लेगी,
शहर की ज्वालाये
महानगरो को जलायेगी,
जब महानगर जल उठेंगे
तो आखिर…
देश में भी आग का
जलजला उठेगा,
और फिर…
ये आग का दयार बुझाने
भला यहाँ कोई नहीं बचेगा
ना तू..! ना मैं…!
कोई नहीं बचेगा…!
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©✍️’अशांत’शेखर✍️
14/08/2022