✍️तलाश करो तुम✍️
✍️तलाश करो तुम✍️
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जो नहीं था मैं उस इँसा की ना तलाश करो तुम
जो हूँ मैं अब उस इँसा की बस तलाश करो तुम
दुनिया के बाजारों में,मैं हसीन सपने बेच रहा था
कुछ लुटेरे ख़्वाब चुरा ले गए अब तलाश करो तुम
छटपटा रहे थे चंद पानी की बूंदों को प्यासे परिंदे
मैंने ही तो प्यास बुझाई अब गवाह तलाश करो तुम
कहा जा पाऊँगा अपनी इशरत सरज़मी छोड़ कर..
इसी आसमाँ का पंछी हूं बाज़ की तलाश करो तुम
अपने भरोसा तोड़ जाये तो रूह भी टूट जाती है
वो उम्मीद मिलेगी जरूर फ़रेब की तलाश करो तुम
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✍️”अशांत”शेखर✍️
10/07/2022