✍️चैन नींद और सुकून✍️
✍️चैन नींद और सुकून✍️
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तुम मेरे चैन के नींद की बात ही ना करो
वो रात बेचारी रोज थक कर सो जाती है
वो सुकून कहाँ दरबदर भटक रहा होगा
इक छाँव रूह की रोज धुप में खो जाती है
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©✍️’अशांत’ शेखर✍️
08/09/2022