✍️काश की ऐसा हो पाता ✍️
काश की ऐसा हो पाता,
कभी मैं उदास होती और तुम मेरे पास बैठकर मुझे समझाते,
कभी मैं टूटकर रोती और तुम मुझे चुप कराते,
कभी तुम बात करना चाहते और मैं झट से तुम्हारे पास आ जाती,
मुझे अपने पास पाकर तुम्हारी नज़रें खिलखिला जाती,
कभी हम हाथ थामते एक दूसरे का और वो लम्हा थम-सा जाता,
चंद पलों का साथ हमारा काश उम्रभर का हो जाता,
काश की ऐसा हो पाता,
काश की ऐसा हो पाता।
✍️वैष्णवी गुप्ता
कौशांबी