✍️…और फिर✍️
✍️…और फिर✍️
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…और फिर सदियों की उस
भूतकालीन छानबीन के बाद
ये बात पूरी तरह साबित हुई
सारे फसादों की जड़ पत्थर है..!
…और फिर भी ख़ामोशी से
इँसान पत्थर से खुद की तबाही
अपने सुरक्षित जीवन के स्वार्थ
में बर्दाश्त किये ही जा रहा है..!
…और फिर रोज एक आदम
खुदा होने से बाज नहीं आ रहा
कोई छलकपट किसी के भविष्य
को बर्बाद किये ही जा रहा है..!
…और फिर एक दिन ऐसा होगा
ये इँसा जमी का खुदा ईश्वर होगा
खुदा ईश्वर जैसे शक़्ल का मानव
इंसानियत मांगता फिर रहा होगा…!
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©✍️’अशांत’ शेखर✍️
10/09/2022