✍️आशिकों के मेले है ✍️
तेरी इस इश्क़ की दुनिया में,
बड़े ही ज़ख़्म झेले है,
तू रहती साथ है मेरे,
हम तो फिर भी अकेले है,
तेरे दिल में जो देखा तो बड़ा अद्भुत नजारा था,
मैं तो तन्हा ही बाहर था और अंदर,
आशिकों के मेले है।
✍️वैष्णवी गुप्ता
कौशांबी