✍️आज जमी तो कल आसमाँ हूँ
मैं जो पहले था अब भी मैं वही हूँ
आप मुझसे मैं आप से अंजान हूँ
आप जो थे पहले,आप वो नहीं है
आपके बदले तेवर से मैं नादान हूँ
मैं उस सच्चाई से अभी वाकिफ़ हूँ
के मैं भी इस दुनिया में मेहमान हूँ
अपने लिए अपनी ही कमी रही है
मैं आज जमी तो कल आसमान हूँ
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©✍️’अशांत’ शेखर
15/09/2022