✍️अल्फाज़ो का कोहिनूर “ताज मोहम्मद”✍️
✍️अल्फाज़ो का कोहिनूर “ताज मोहम्मद”✍️
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कैसे बताऊँ मेरे कलम में छुपा कोई एक राज है
जो मेरी लिखावट को सजाता वो लखनवी ताज है
मेरी शब्दों को गीतों में पिरोता वो एक साज है
गजलों में जादू जगाता है वो अल्फाज़ो का ताज है
इश्क़ प्यार मोहब्बत के ईबादत की वो नमाज़ है
मैं सूद खोता,सूफ़ी तरानों के बंदगी का वो ताज है
नई नई मुलाकात है फिर भी लगते वो बड़े अजीज है
वो कोहिनूर सा हिरा,सर पे सजाके रखूं ऐसा ताज है
समर्पित करता हूँ ये चार लफ्ज़ हमें आप पे नाज है
स्वीकार करो ये नजराना आप जवां दिलो के ताज है
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✍️”अशांत”शेखर✍️
15/07/2022
*मेरे दोस्त “ताज मोहम्मद,लखनऊ” इनको सादर समर्पित…
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