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अगर मचले कभी जो दिल मचलने तुम नहीं देना
इसे मनमानियां अपनी ही करने तुम नहीं देना
निकल जाए अगर भूले से भी दिल हाथ से अपने
तो फिर हर हाल में इसको बिखरने तुम नहीं देना
डॉ अर्चना गुप्ता
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अगर मचले कभी जो दिल मचलने तुम नहीं देना
इसे मनमानियां अपनी ही करने तुम नहीं देना
निकल जाए अगर भूले से भी दिल हाथ से अपने
तो फिर हर हाल में इसको बिखरने तुम नहीं देना
डॉ अर्चना गुप्ता