☺️दो-टूक☺️ ☺️दो-टूक☺️ “ज़्यादा ना कह पाऊँ फिर भी थोड़ा कह दूँ। क्या नेता हूँ जो गदहों को घोड़ा कह दूँ??” 🙅प्रणय प्रभात🙅