[[ ★ ज़िन्दगी ने मुझे भी दिया कुछ नही ★ ]]
ग़ज़ल ?
ज़िन्दगी ने मुझे भी दिया कुछ नही !
मुफ़लिसी के सिवा फिर रहा कुछ नही !! १
माँगते ही रहे हम दुआएँ मगर !
माँगते हम रहे पर मिला कुछ नहीं !! २
मैं तुम्हें चाहता फिर रहा दरबदर !
ढूंढता में रहा पर पता कुछ नही !! ३
रात तुम ख़्वाब में आ गए जो सनम !
पास तुम जो रहे पर , कहा कुछ नहीं !! ४
रात जो ख़्वाब में तुम रुलाकर गये !
खूब हम रो लिए बस लिखा कुछ नही !! ५
रात हम सोचते , सोचते सो गए !
जिंदगी हसरतों के सिवा कुछ नहीं !! ६
#मक्ता
जिंगदानी फ़क़त चार दिन की नितिन !
ज़िन्दगी मौत में , फासला कुछ नही !! ७
? नितिन शर्मा ?