★नज़र से नज़र मिला ★
नज़र से नज़र मिला नज़रों पर वार कर। देख कभी कलम की ताकत को कागज पर उतार कर। सब कुछ आसान है क्यों बैठे हो हार कर । कुछ मिलता नहीं जिस्म को बिस्तर पर पसार कर। और दरिया में उतर समंदर को पार कर । और देखना है अगर यह जालिम जमाना तुझे तो देख घर से पैर निकालकर। नज़र से नज़र मिला नज़रों पर वार कर।।
★IPS KAMAL THAKUR ★