★ किताबें दीपक की★
गांव के फसल जैसी हरियाली तुम हो। प्रत्येक कृषि शिष्य की दिवाली तुम हो । और पन्ने तो कई और लोग भी बेचते हैं यहां। मगर बात तो यूं है कि दीपक वाधवा सर की निराली तुम हो।।
★IPS KAMAL THAKUR ★
गांव के फसल जैसी हरियाली तुम हो। प्रत्येक कृषि शिष्य की दिवाली तुम हो । और पन्ने तो कई और लोग भी बेचते हैं यहां। मगर बात तो यूं है कि दीपक वाधवा सर की निराली तुम हो।।
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