{{◆ गुमनाम सी ज़िन्दगी ◆}}
खुद के एहसास को खुद ही दगा दे रहे है
अपने ही दिल को हर पल सज़ा दे रहे है
क्या करें.. तुमसे एक तरफ़ा प्यार जो
कर रहे है
कहने को तो बहुत करीब हैं मेरे एक
साये की तरह
फिर क्यों वो अपने दिल का चैन
किसी और कि बाँहो में ढूंढ रहे है
तुम्हारी तस्वीर से कर लेते हैं दिल
की सारी बातें
उसी को तेरे हिस्से का प्यार दे
रहे है
तेरा सोच आईने में देख खुद को
शर्मा रहे है
कभी तू भी ऐसे ही निहारे मुझको,
यही आरज़ू दिल मे जगा रहे है
हर शाम दरवाज़े पे खड़े तेरे आने का
इन्तेज़ार करते रहते है
जानती हूँ के तू नही आएगा फिर भी
उम्मीद का दिया जला रहे है
अपने आप पे ये सितम हम खुद ढा
रहे है
तुमसे करके जो निभाने थे वादे वो
खुद से निभा रहे है
आज सभी मुझे पागल कह जोगन
बुला रहे है
तुम्हारे नाम का सिंदूर तो नहीं फिर
भी शादी की हर रस्म निभा रहे है
नींद आँखों से पल-पल दूर जा रही
है
एक तुम हो जो चैन से नींद में किसी
और के सपने सज़ा रहे है
मेरे दिल की हालत क्या हैं, सब जान
के भी अंजान हो
एक हम हैं जो तुम्हारी यादों के साथ
गुमनाम सी ज़िन्दगी बिता रहे है