~~◆◆{{??हिंदुस्तान लिखें??}}◆◆~~
आओ आज खुद को इंसान लिखें,भेदभाव दूर कर अपने दिल पर सभी हिंदुस्तान लिखें.
नही लिखनी नफरत कोई मज़हब की आड़ में,मिलजुलकर सब तिरंगे को आसमान लिखें।
लड़ना झगड़ना छोड़ो मेरे भाई लग जाओ गले,थाम कर मोहब्बत, ऐसा ही हम अपना संविधान लिखें।
क्यों पड़े हो नफ़रत फैलाने वालों की सियासत की दहलीज पर,हम क्यों किसी के बहकावे में आकर,खून खराबे कर खुद का अपमान लिखें।
ये देश तो सबका घर है,रंग बिरंगी बोलियों की महक लिए आती है हर तरफ से हवा,राम,कृष्णा,बुद्ध, नानक,महावीर के गुण लिए खुद को गुणवान लिखें।
एकता की करते रहो बात,भगत सिंह,चंद्रशेखर आज़ाद,गाँधी जैसे अनेकों ही वीर क्रांतिकारियों की तरह,हम भी इस देश की शान लिखें।
खुले रखो दिल के द्वारे,जब सब का मालिक एक है सभी कहते हैं,फिर क्यों ना एक ही घर में गीता और कुरान लिखें।