~~◆◆{{◆◆कफ़न◆◆}}◆◆~~
मेरा भी एक कफ़न बना देना,सब जात,धर्म की धूल उसपर से हटा देना.
नफरत तो सारी ले गयीं सांसें,जो रंजिशों के दाग बाकी वो भी मिटा देना।
ना रखना कोई कड़वाहट के बोल,एक संख मोहब्बत का बजा देना.
मजहब तो चाहे अलग सही,बस करना अब,ना कोई वैर विरोध की सज़ा देना।
लगा लेना बस आखरी बार गले,सब गुस्सा अकड़ भुला देना.
ना करना जल्दी तुम कोई नाराज़गी रखकर,बस प्यार से मुझे जला देना।