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27 Oct 2017 · 1 min read

◆वक़्त का दर्द◆

◆वक़्त का दर्द◆
वक़्त बड़ा बेदर्द सनम जी,,,
आता मुझे रुलाने को,,,

में सपनों मे खोया था कि,,
वो आया मुझे जगाने को,,,

में कितना बेताब बैचैन हु,,,
कैसे आऊ तुझे बताने को,,,

दूर तन्हाई से होऊ कैसे,,,
वो तो बैठी सिरहाने को,,,

तनक सी आस लगी जो तुमसे,,,
वो दूरी आई आग लगाने को,,,

अब तो मनु की वीरानी का,,,
दिल करुण राग लगा है गाने को,,,
मानक लाल मनु

Language: Hindi
186 Views
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