वक्त सबको पहचानने की काबिलियत देता है,
चाहत नहीं और इसके सिवा, इस घर में हमेशा प्यार रहे
अंग्रेजों के बनाये कानून खत्म
ना तो हमारी तरह तुम्हें कोई प्रेमी मिलेगा,
हवाओं से कह दो, न तूफ़ान लाएं
■ आज तक की गणना के अनुसार।
कोई नाराज़गी है तो बयाँ कीजिये हुजूर,
संस्कारों का चोला जबरजस्ती पहना नहीं जा सकता है यह
Unveiling the Unseen: Paranormal Activities and Scientific Investigations
Harmony's Messenger: Sauhard Shiromani Sant Shri Saurabh
कब बोला था / मुसाफ़िर बैठा
तेरी फ़ितरत, तेरी कुदरत
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
इक इक करके सारे पर कुतर डाले
बोलने को मिली ज़ुबां ही नहीं
ए मेरे चांद ! घर जल्दी से आ जाना
!! राम जीवित रहे !!
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
जो लोग बिछड़ कर भी नहीं बिछड़ते,
मातृभूमि
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'