"घमंड के प्रतीक पुतले के जलने की सार्थकता तब तक नहीं, जब तक
इन समंदर का तसव्वुर भी क्या ख़ूब होता है,
ऐ सूरज तू अपनी ताप को अब कम कर दे
चवपैया छंद , 30 मात्रा (मापनी मुक्त मात्रिक )
खुदा का नाम बदनाम कर दिया ...
*भारत माता को नमन, अभिनंदन शत बार (कुंडलिया)*
बहुत सोर करती है ,तुम्हारी बेजुबा यादें।
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पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
23/93.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
लोगों को और कब तलक उल्लू बनाओगे?