पिता का पेंसन
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*सर्वोत्तम वरदान यही प्रभु, जिसका स्वास्थ्य प्रदाता है (मुक्
नृत्य किसी भी गीत और संस्कृति के बोल पर आधारित भावना से ओतप्
ग़ज़ल _ मुहब्बत में बहके , क़दम उठते उठते ,
मांग कर ली हुई चीज़े अपनी गरिमा खो देती है, चाहे वो प्रेम हो
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ये गजल बेदर्द,
बाप की गरीब हर लड़की झेल लेती है लेकिन
रंग तिरंगे के सभी , देते हैं आवाज ।
You never know when the prolixity of destiny can twirl your
रूसवाइयांँ¹ मिलेगी, बे_क़दर, बे_नूर हो जाओगे,
"पं बृजेश कुमार नायक"(Pt. Brajesh kumar nayak)का संक्षिप्त परिचय
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
यादों का मेला लगता है रोज सपनो में, पर जब जब भवर होते ही आंख