Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jan 2023 · 1 min read

■ साहित्यिक पोस्टमार्टम…

■ भूलिएगा मत…
【प्रणय प्रभात】
भले ही यह साहसिक कारनामा व्यंग्य के माध्यम से हुआ हो मगर हुआ है। साहित्य में रचनाओं व पुस्तकों की समीक्षाएं होती रही हैं। यह सम्भवतः पहली बार हुआ है जब किसी “समीक्षा” की समीक्षा की गई है। वो भी रचनात्मक स्तर पर। उद्देश्य जबरन समीक्षक बनने का चाव रखने वालों को सचेत कराना है कि बिना पढ़े कुछ भी लिख देना अब चलने वाला नहीं है। बिना पढ़े बोल सकते हो, वो भी राजनीति के अखाड़े में उतर कर। साहित्य के मैदान में खिलवाड़ आसान नहीं होगा। हो सकता है कि आज के इस अभिनव प्रयोग के बाद समीक्षाओं की वैचारिकता व प्रमाणिकता की कसौटी पर घिसाई का क्रम आरंभ हो कर एक नई विधा का रूप धारण कर ले। आपके लिए व्यंग्य रूप में उक्त सच्चा वाक़या गत दिवस प्रस्तुत किया जा चुका है। अवश्य पढ़िएगा- “एक समीक्षा की समीक्षा।”

Language: Hindi
1 Like · 142 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Chhod aye hum wo galiya,
Chhod aye hum wo galiya,
Sakshi Tripathi
हरदा अग्नि कांड
हरदा अग्नि कांड
GOVIND UIKEY
चीत्कार रही मानवता,मानव हत्याएं हैं जारी
चीत्कार रही मानवता,मानव हत्याएं हैं जारी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
पुष्पदल
पुष्पदल
sushil sarna
*कभी उन चीजों के बारे में न सोचें*
*कभी उन चीजों के बारे में न सोचें*
नेताम आर सी
"जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
बाल कविता : रेल
बाल कविता : रेल
Rajesh Kumar Arjun
राजनीतिक यात्रा फैशन में है, इमेज बिल्डिंग और फाइव स्टार सुव
राजनीतिक यात्रा फैशन में है, इमेज बिल्डिंग और फाइव स्टार सुव
Sanjay ' शून्य'
मुझे भी जीने दो (भ्रूण हत्या की कविता)
मुझे भी जीने दो (भ्रूण हत्या की कविता)
Dr. Kishan Karigar
जाति-पाति देखे नहीं,
जाति-पाति देखे नहीं,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मां कालरात्रि
मां कालरात्रि
Mukesh Kumar Sonkar
तुम ही मेरी जाँ हो
तुम ही मेरी जाँ हो
SURYA PRAKASH SHARMA
वसुधा में होगी जब हरियाली।
वसुधा में होगी जब हरियाली।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
2938.*पूर्णिका*
2938.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
थी हवा ख़ुश्क पर नहीं सूखे - संदीप ठाकुर
थी हवा ख़ुश्क पर नहीं सूखे - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
इश्क़ के नाम पर धोखा मिला करता है यहां।
इश्क़ के नाम पर धोखा मिला करता है यहां।
Phool gufran
"वो कलाकार"
Dr Meenu Poonia
क्या है मोहब्बत??
क्या है मोहब्बत??
Skanda Joshi
यदि सफलता चाहते हो तो सफल लोगों के दिखाए और बताए रास्ते पर च
यदि सफलता चाहते हो तो सफल लोगों के दिखाए और बताए रास्ते पर च
dks.lhp
मौत से बढकर अगर कुछ है तो वह जिलद भरी जिंदगी है ll
मौत से बढकर अगर कुछ है तो वह जिलद भरी जिंदगी है ll
Ranjeet kumar patre
मोल
मोल
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
ठहर ठहर ठहर जरा, अभी उड़ान बाकी हैं
ठहर ठहर ठहर जरा, अभी उड़ान बाकी हैं
Er.Navaneet R Shandily
जिंदगी में हजारों लोग आवाज
जिंदगी में हजारों लोग आवाज
Shubham Pandey (S P)
इतिहास गवाह है
इतिहास गवाह है
शेखर सिंह
■ सब व्हाट्सअप यूँनीवर्सिटी और इंस्टाग्राम विश्वविद्यालय से
■ सब व्हाट्सअप यूँनीवर्सिटी और इंस्टाग्राम विश्वविद्यालय से
*Author प्रणय प्रभात*
चाँद बदन पर ग़म-ए-जुदाई  लिखता है
चाँद बदन पर ग़म-ए-जुदाई लिखता है
Shweta Soni
खुद की अगर खुद से
खुद की अगर खुद से
Dr fauzia Naseem shad
मेरा और उसका अब रिश्ता ना पूछो।
मेरा और उसका अब रिश्ता ना पूछो।
शिव प्रताप लोधी
नशा और युवा
नशा और युवा
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मेरे खतों को अगर,तुम भी पढ़ लेते
मेरे खतों को अगर,तुम भी पढ़ लेते
gurudeenverma198
Loading...