■ सामयिक सवाल /- दोषी आख़िर कौन…?
#एक_सवाल-
दोषी आख़िर कौन…?
【प्रणय प्रभत】
“कोई कीट-पतंगा
ख़ुद चल कर
किसी छिपकली के
मुँह पर मंडराए
और छिपकली उसे
अपना निवाला बनाए
तो कोई समझदार
सोच-समझकर बताए
कि दोष किसका?
कीट-भक्षण
एक छिपकली का
जन्मजात अधिकार है,
खानदानी संस्कार है।
अपने जैसों का
अंत देख कर भी
यदि कोई कीड़ा
उसके पास जाएगा
तो कोई उसे क्यों और
क्या खाकर बचाएगा??”
#याद_रहे…
हल चिंता नहीं चिंतन से निकलेगा प्रबुद्धों! प्रश्न मतिभ्रष्ट जवानी और उदासीन अभिभावकों से है★
【इंदौर समाचार में प्रकाशित एक काव्यमय सम-सामयिक चिंतन】