■ साबित होता सच…
■ प्रत्यक्षम किं प्रमाणम…?
“सत्यमेव जयते” ऐसे ही नहीं कहा जाता साहब! सच सदियों से अपनी सच्चाई को सिद्ध करता आया है और सदैव करता रहेगा। हम एक कहावत सुनते हुए बच्चे से बड़े हुए कि “समय किसी का सगा नहीं होता।” इस कहावत में छुपा सत्य कल एक बार फिर साबित होगा। जब प्रतिदिन तारीख़ बदलने वाले कैलेंडर को दो तारीख़ों की मिली-भगत बदल डालेगी। इसके साथ ही यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि प्रत्यक्ष को किसी प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती। सिवाय माननीय न्यायालय के।।
【प्रणय प्रभात】