अजीज़ सारे देखते रह जाएंगे तमाशाई की तरह
अगर महोब्बत बेपनाह हो किसी से
यौम ए पैदाइश पर लिखे अशआर
मेरे शब्दों में जो खुद को तलाश लेता है।
ग़ज़ल _ महकती जब ये मिट्टी प्यार की नींदें उड़ाती है ,
तेरे प्यार के राहों के पथ में
singh kunwar sarvendra vikram
If you want to be in my life, I have to give you two news...
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"सादगी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
बुरे लोग अच्छे क्यों नहीं बन जाते
हमने ये शराब जब भी पी है,
A Departed Soul Can Never Come Again
गीतिका :- हमें सताने वाले
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
तुम खुशी देखते हों, मैं ग़म देखता हूं
मां तौ मां हैं 💓
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
कर्म योग: मार्ग और महत्व। ~ रविकेश झा।