दीपावली की असीम शुभकामनाओं सहित अर्ज किया है ------
क्या पता वाकई मैं मर जाऊं
अगर आपमें क्रोध रूपी विष पीने की क्षमता नहीं है
इंडिया में बस एक कोलकाता ही है। जोधपुर, उदयपुर, मुंबई, मणिपु
आदर्श शिक्षक
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
रंज-ओ-सितम से दूर फिरसे इश्क की हो इब्तिदा,
मन ही मन में मुस्कुराता कौन है।
लोगों की फितरत का क्या कहें जनाब यहां तो,
मंज़िल को तुम्हें यदि पाना हो ,तो चलते चलो तुम रुकना नहीं !
"उडना सीखते ही घोंसला छोड़ देते हैं ll
लहज़ा रख कर नर्म परिंदे..!!
*** हम दो राही....!!! ***
आओ करें हम अर्चन वंदन वीरों के बलिदान को
इंडिया दिल में बैठ चुका है दूर नहीं कर पाओगे।
धर्म खतरे में है.. का अर्थ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)