फिर किसे के हिज्र में खुदकुशी कर ले ।
मुदा एहि "डिजिटल मित्रक सैन्य संगठन" मे दीप ल क' ताकब तथापि
शब्द सुनता हूं मगर मन को कोई भाता नहीं है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
*** तोड़ दिया घरोंदा तूने ,तुझे क्या मिला ***
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
*बगिया जोखीराम का प्राचीन शिवालय*
जिंदगी हमेशा एक सी नहीं होती......
आइना फिर से जोड़ दोगे क्या..?
मुझे तुमसे अनुराग कितना है?
मित्रता स्वार्थ नहीं बल्कि एक विश्वास है। जहाँ सुख में हंसी-