■ शुभागमन गणराज 💐
#काव्य_निमंत्रण
■ शुभागमन गणराज!!
【प्रणय प्रभात】
आशुतोष के लाड़ले,
मां गौरी के लाल।
कार्तिकेय के हो अनुज,
मंगलमूर्ति विशाल।।
सिद्ध करो संकल्प सब,
सफल करो सब काज।
गृह-बगिया से हृदय तक,
शुभागमन गणराज।।
जय वक्रतुंड, जय महाकाय,
जय लंबोदर, जय गौर-तनय।
स्पर्श मात्र से कर देना हर,
मृदा-देह को मलय मलय।
दरबार सजाए बैठे सब,
सज्जित पूजन की थाली है।
दस दिवस करोड़ों भक्तों की,
होली, राखी, दीवाली है।
मां रिद्धि-सिद्धि के संग आप,
शुभ-लाभ साथ में ले आना।
हो विघ्न-हरण संकट हर के,
जीवन में मंगल भर जाना।
मंगल-प्रवेश कर रहे आप,
प्रभु गणनायक अभिनंदन है।
हो प्रथम-पूज्य स्वीकार करो,
श्रीचरणों में शुभ-वंदन है।।
आप सभी को सनातन धर्म व सतरंगी संस्कृति के परिचायक दस दिवसीय श्री गणेशोत्सव की मंगलकामनाएं।। 💐💐💐
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)