Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Sep 2024 · 1 min read

■ शिक्षक दिवस पर एक विशेष कविता…।

#विशेष_कविता…।
■ काव्यमय आह्वान शिक्षक बिरादरी का…!
【प्रणय प्रभात】

“शिष्ट, क्षमतावान, कर्मठ।
जो रहे बस वो है शिक्षक।।”

गोद में निर्माण जिसके और पलती है प्रलय भी,
कर्म के सौरभ से जिसके मात खाती है मलय भी।
मन मरूस्थल में सुमन तक जो खिलाना जानता है,
जो विषम झंझावतों से पार पाना जानता है।
विश्व का जो मित्र बनकर राम को करता निपुण है,
या कभी सांदीपनी बन कृष्ण में भरता सगुण है।
विष्णु शर्मा बन कभी जो पांच तंत्रों को सिखाता,
भीम को बलराम बनकर जो अभय-निर्भय बनाता।
शिव बने वरदान में सोने की लंका तक थमा दे,
हाथ में देकर परशु जो शिष्य चिरजीवी बना दे।
जब कभी चाणक्य बनकर के शिखाऐं खोलता है,
नंद का साम्राज्य तब-तब थरथराकर डोलता है।
भूमिका शिक्षक की क्या है जानने की बात है ये,
है महत्ता ज्ञान की ही मानने की बात है ये।
आइए, मिलकर करें संकल्पना कल्याण की हम,
छोड़कर विध्वंस का पथ ठान लें निर्माण की हम।
पान करना हो गरल तो भी ऋचाऐं मांगलिक दें,
आइए, निज देश को हम संस्कारित नागरिक दें।।”
👌👌👌👌👌👌👌
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)

1 Like · 25 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*माँ शारदे वन्दना
*माँ शारदे वन्दना
संजय कुमार संजू
पैगाम डॉ अंबेडकर का
पैगाम डॉ अंबेडकर का
Buddha Prakash
जटिलताओं के आगे झुकना
जटिलताओं के आगे झुकना
VINOD CHAUHAN
“जब से विराजे श्रीराम,
“जब से विराजे श्रीराम,
Dr. Vaishali Verma
*आए अंतिम साँस, इमरती चखते-चखते (हास्य कुंडलिया)*
*आए अंतिम साँस, इमरती चखते-चखते (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
खिला हूं आजतक मौसम के थपेड़े सहकर।
खिला हूं आजतक मौसम के थपेड़े सहकर।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
" अकेलापन की तड़प"
Pushpraj Anant
रमेशराज के देशभक्ति के बालगीत
रमेशराज के देशभक्ति के बालगीत
कवि रमेशराज
रतन महान , एक श्रद्धांजलि
रतन महान , एक श्रद्धांजलि
मधुसूदन गौतम
सच कहना जूठ कहने से थोड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि इसे कहने म
सच कहना जूठ कहने से थोड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि इसे कहने म
ruby kumari
ऐसे तो दूर नहीं होगी यह मुश्किल
ऐसे तो दूर नहीं होगी यह मुश्किल
gurudeenverma198
मुक्ता सी बौछार के, दिलकश होते  रंग ।
मुक्ता सी बौछार के, दिलकश होते रंग ।
sushil sarna
यार
यार
अखिलेश 'अखिल'
विषय - स्वाधीनता
विषय - स्वाधीनता
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तुम
तुम
हिमांशु Kulshrestha
बुजुर्गो को हल्के में लेना छोड़ दें वो तो आपकी आँखों की भाषा
बुजुर्गो को हल्के में लेना छोड़ दें वो तो आपकी आँखों की भाषा
DrLakshman Jha Parimal
कितना बदल रहे हैं हम ?
कितना बदल रहे हैं हम ?
Dr fauzia Naseem shad
आदान-प्रदान
आदान-प्रदान
Ashwani Kumar Jaiswal
प्रीत प्रेम की
प्रीत प्रेम की
Monika Yadav (Rachina)
आँखों का कोना,
आँखों का कोना,
goutam shaw
क्रोध
क्रोध
Mangilal 713
"हार और जीत"
Dr. Kishan tandon kranti
चक्षु सजल दृगंब से अंतः स्थल के घाव से
चक्षु सजल दृगंब से अंतः स्थल के घाव से
Er.Navaneet R Shandily
ज़िंदगी दफ़न कर दी हमने गम भुलाने में,
ज़िंदगी दफ़न कर दी हमने गम भुलाने में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
3932.💐 *पूर्णिका* 💐
3932.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
आत्महत्या
आत्महत्या
Harminder Kaur
मुफलिसो और बेकशों की शान में मेरा ईमान बोलेगा।
मुफलिसो और बेकशों की शान में मेरा ईमान बोलेगा।
Phool gufran
मजबूरियों से ज़िन्दा रहा,शौक में मारा गया
मजबूरियों से ज़िन्दा रहा,शौक में मारा गया
पूर्वार्थ
..
..
*प्रणय प्रभात*
चोर दरबार से नहीं निकला
चोर दरबार से नहीं निकला
अरशद रसूल बदायूंनी
Loading...