.......…राखी का पर्व.......
हमेशा समय रहते दूसरों की गलतियों से सीख लेना
जीवन में सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी मैं स्वयं को मानती हूँ
तुम होते हो नाराज़ तो,अब यह नहीं करेंगे
वैसे कार्यों को करने से हमेशा परहेज करें जैसा कार्य आप चाहते
मेरे “शब्दों” को इतने ध्यान से मत पढ़ा करो दोस्तों, कुछ याद र
जब रात बहुत होती है, तन्हाई में हम रोते हैं ,
ज़िंदगी सौंप दी है यूं हमने तेरे हवाले,
फिर से राम अयोध्या आए, रामराज्य को लाने को (गीत)
One day you will realized that happiness was never about fin
मां की दूध पीये हो तुम भी, तो लगा दो अपने औलादों को घाटी पर।