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14 Dec 2022 · 4 min read

■ व्यंग्य / एडिटेड फोटो, इम्पोर्टेड और एडॉप्टेड कमेंट 😊

■ नुमाइशी सौंदर्य के मुंह पर एक तमाचा
👇पढ़िए एक दिलचस्प कटाक्ष और समझिए पूरा हाल👇
【प्रणय प्रभात】
“बहुत ही भीषण फोटू है जी आपका ! चकित और चमत्कृत कर डालने वाली है आपकी अदा। बेहद चमत्कारी, क्रांतिकारी और हाहाकारी। पूरी तरह से हृदय-तल पर वज्रपात करने वाली। भेजे और कलेजे को झकझोरने वाली इस तस्वीर को तो ज़रूर कोई न कोई नेशनल-इंटरनेशनल अवार्ड या रिवार्ड मिलना ही चाहिए। आपका चिकना-चुपड़ा, लिपा-पुता, रंगा-रंगाया फिल्टर्ड श्रीमुख पूरी तरह से हृदय-विदारक है। आपके चेहरे के तेज और ओज को देखकर ऐसा लगता है मानो युगों-युगों नहीं, मन्वन्तरों के बाद कोई महानतम चेहरा इस नश्वर और सारहीन संसार मे पहली बार रसिक जनहित में अवतरित हुआ हो और सम्पूर्ण मानव जाति को धन्य कर रहा हो। आप किस ब्रांड और कंपनी के सौंदर्य-प्रसाधन अपने चंद्रमा के धरातल जैसे चौखटे पर वाल-केयर पुट्टी की तरह पोतती हैं, आप जानें। सच यह है कि आपके केनवास टाइप चेहरे को देखकर कलेजा मुँह को आने लगता है।
ऐसे अजीबो-गरीब चेहरे पर आप जो हत्यारी सी मुस्कान लाती हो, उसका भी कोई मुक़ाबला नहीं।आपकी तस्वीर में एक चुम्बकत्व है, जो लोहपुरुषों को आलपिन की तरह खींच कर फेवीक्विक की तरह चुपकाने का माद्दा रखती है। अल्टाट्रेक सीमेंट जैसी मजबूती आपके हाव-भाव से झलकती है।
आपकी तस्वीर आज जैसे ही फेसबुक पर अवतरित हुई। नभ-मंडल से ताकते देवगणों ने ढोल-ढमाके और शंख-दुंदुभी बजा कर अपने हर्ष के उत्कर्ष पर जाने का परिचय दिया। काग, बक, दादुर आदि जीवधर एक सुर में स्तुति करने लगे। हुस्न का शेयर बाज़ार उछाल पर आ गया। सेंसेक्स सातवें आसमान पर जा पहुंचा। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज़ हुई। मंहगाई और मृत्यु-दर में कमी आने लगी। जीडीपी तेज़ गति से आगे बढ़कर इकोनॉमी को फाइव-ट्रिलियन की ओर धकेलने लगी। रूस-यूक्रेन ने हथियार डाल कर एक दूसरे के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। उत्तरी और दक्षिणी कोरिया वाले कमर में हाथ डाल कर सालसा डांस करने लगे। पाकिस्तान आर्थिक कंगाली और चिर-दरिद्रता से मुक्त हो गया। ज़माने भर के भौतिक व रासायनिक परिवर्तन होने लगे। नीले लिटमस लाल और लाल लिटमस हरे हो गए। सियासी जगत के समस्त आयारामो-गयारामों की घर-वापसी हो गई। लेफ्ट वाले राइट और राइट वाले टाइट होकर फाइट की मुद्रा में आ गए। कोविड नाइन्टीन का वायरस स्वीट सिक्सटीन में बदल गया। दसों दिशाओं में अफरा-तफरी मच गई। नदियां उल्टी दिशा में प्रवाहित होंने लगीं। समुद्र उन्हें फॉलो करते हुए उनके उद्गम स्थलों की दिशा में अग्रसर होने लगे। अरसे से सोए पड़े असंख्य ज्वालामुखी अपने आंतरिक अजीर्ण पर नियंत्रण खोकर वमन करने लगे। सौर-मंडल के ग्रहों की चाल राजनैतिक दलों की तरह चंद पलों में बदल गई। राहु-केतु आपके दीदार हेतु सूर्य-चंद्रमा से बैर भूल गए। सांप-नेवले एक खाट पर और शेर-गाय एक घाट पर नज़र आने लगे। नासा और इसरो के उपग्रह एलियन्स के साथ धरती की ओर आने लगे। कुल मिला कर सब कुछ तहस-नहस सा हो गया।रेडियो-धर्मिता से ओतप्रोत आपका फोटो देख कर समस्त जीवधारी धन्य हो गए। हे वैशाख-नंदिनी! आपकी जय हो, जय हो, जय हो।।”
यह प्रतिक्रिया किसी घाघ भ्रमर टाइप के बेशर्मी पर आमादा रसिक कॉपी-पेस्टवा ने दिन-भर मेकअप कर मनमोहक व मादक तस्वीरें फेसबुक पर पोस्ट करने वाली एक किशोरीनुमा महिला मित्र की एक फोटो पर चेप दी। बंदे ने धाँसू विटामिन्स और धाकड़ प्रोटीनयुक्त पंक्तियों को हमारे जैसे किसी जले-भुने व्यंग्यकार की वाल से उठा कर अपनी तरफ से कमेंट में डाल दिया। रसिक सड़े हुए मक्खन का पूरा-पूरा उपयोग स्वयम्भू रूप-स्वामिनी की चम्पी-मालिश में दिन-दहाड़े सरे-आम कर गया। वहीं हिंदी की शब्द-शक्तियों से लगभग अपरिचित कॉन्वेंट-रिटर्न महिला इसे तारीफ मान कर फूली नहीं समाई। कमेंट पर धड़ाधड़ आए लाइक्स ने मैडम को फुला कर कुप्पा सा कर डाला।ओप्पो-वीवो टाइप के मोबाइल से खींच कर एप्प की मदद से सजाई-सँवारी गई फ़ोटो और थोक में आए कमेंट्स को देख-देख कर आत्म-मुग्ध मोहतरमा उक्त कमेंट को तारीफ़ मान कर भारी भद पिटने के बावजूद गदगद हुई जा रही थीं। तभी तो उसने आठ बार “थेँकू” लिख कर दिल के गार्डन-गार्डन होने की अभिव्यक्ति आनन-फानन में कर डाली। साथ ही धड़कते हुए सुर्ख दिल की इमोजी भी रिटर्न गिफ्ट की तरह पेश कर दी। उक्त कमेंट पर ताबड़तोड़ लाइक व कमेंट आने का सिलसिला आज सातवें दिन भी जारी है। जो मैडम का हीमोग्लोबिन बढ़ाए दे रहे हैं। यही है साहब, फेसबुक की फर्जी, खोखली व आभासी दुनिया के अधिकांश जीवों की सोच। तभी तो ज़्यादातर को रास भी आती हैं ऐसी लफ़्फ़ाज़ियां। चाहे उनका अर्थ मुखड़े पर मुक्का ही क्यों न साबित हो रहा हो। धन्य हो मातु लंकिनी!धन्य हो कालनेमि तनयों!ऐसे ही इतराते और मदमाते रहो और एक-दूसरे का खून बढाते रहो।

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