‘ विरोधरस ‘---3. || विरोध-रस के आलंबन विभाव || +रमेशराज
आपके दिमाग में जो लक्ष्य केंद्रित होता है।
दोस्त,ज़िंदगी को अगर जीना हैं,जीने चढ़ने पड़ेंगे.
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
*अन्नप्राशन संस्कार और मुंडन संस्कार*
कहमुकरियाँ हिन्दी महीनों पर...
घट भर पानी राखिये पंक्षी प्यास बुझाय |
" दिल गया है हाथ से "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
जुगनू का कमाल है रातों को रोशन करना,
हमारा अस्तिव हमारे कर्म से होता है, किसी के नजरिए से नही.!!
काश ! लोग यह समझ पाते कि रिश्ते मनःस्थिति के ख्याल रखने हेतु
— बेटे की ख़ुशी ही क्यूं —??
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार